Tuesday, December 3, 2013

दिल्ली विधानसभा चुनाव : डाक्टर साहब की कड़ी परीक्षा

जीटीबी संवाददाता
नई दिल्ली, ईस्ट दिल्ली की लक्ष्मी नगर सीट की चुनावी तस्वीर कैसी है, इस पर सबसे पहले पांडव नगर इलाके की एक गली में केलेे बेच रहे सुनील की राय सुनिए। सुनील का कहना है कि महंगाई ने लोगों का बुरा हाल कर रखा है और इस बार कांग्रेस को यहां अपनी सीट बचाने के लिए नाकों चने चबाने पड़ेंगे। हालांकि डाॅक्टर साहब
(डाॅ. ए. के. वालिया) को इधर के लोग काफी पसंद करते हैं।
अब देखना यह है कि कहीं यह नाराजगी डाॅक्टर साहब को भारी तो नहीं पड़ जाएगी। वहीं सुनील से केलेेे खरीद रहे जूलर मनीष पुरी कहते हैं हमारा पूरा परिवार शुरू से ही कांग्रेस का समर्थक रहा है, लेकिन इस बार यहां सबकी हवा टाइट है। कोई भी यकीन के साथ जीत का दावा नहीं कर सकता। हालांकि यहां का बच्चा-बच्चा डाॅक्टर साहब को जानता है, लेकिन आम आदमी पार्टी को भी लोग काफी सपोर्ट कर रहे हैं। हालांकि आप कैंडिडेट विनोद कुमार बिन्नी खिचड़ीपुर के रहने वाले हैं, लेकिन यहां उन्होंने कम समय में अच्छी पकड़ बना ली है।
थोड़ा आगे चले तो चंद्र प्रभा मिलीं, जिन्हें इस बात की नाराजगी थी कि दिल्ली सरकार और एमसीडी दोनों ही बुजुर्गों को पेंशन देने की बात कहकर वाहवाही तो बहुत लूटते हैं, लेकिन असल में बुजुर्गों को टाइम पर पेंशन मिल ही नहीं और मिलती भी है तो पूरी नहीं मिलती। उनका सवाल था कि जब कांग्रेस और बीजेपी दोनों जनता के हित की बात करते हैं, तो फिर दिल्ली सरकार और एमसीडी की पेशंन के अमाउंट में फर्क क्यों है। उनका कहना था कि डाॅक्टर साहब की रेपुटेशन भले ही अच्छी है, लेकिन यह भी सच है कि यहां बुजुर्गों को सरकारी पेंशन के मामले में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और वोटिंग करते वक्त हम इस बात को ध्यान में रखकर वोट करेंगे।
अब सुनिए गृहणियों का क्या कहना है। पांडव नगर में रहने वाली टीना वालिया का कहना है कि महंगाई ने हमारा माइंड वाॅश कर दिया है। पुलिस पैसे लिए बिना स्नैचिंग का केस दर्ज नहीं करतीं। मैंने तो तय कर लिया है कि इस बार में नोटा का बटन ही दबाऊंगी। उन्हीं के साथ मौजूद सुनीता और हरप्रीत का कहना था कि हमें तो आम आदमी पार्टी पर भी कोई भरोसा नहीं है। आप के उम्मीदवारों पर हुए स्टिंग के केस के बाद तो हमारा भरोसा और उठ गया है। इलाके के विकास के सवाल पर जितेंद्र कौर अनीता चुटकी लेते हुए कहती हैं कि हां, हमारे इलाके में विकास हुआ है ना। अभी तीन महीने पहले यहां एक नई डिस्पेंसरी खुली है और 5 साल में पहली बार नई रोड बनी है। बाकी सफाई का हाल तो आप देख ही रहे और स्ट्रीट लाइट का हाल रात को आकर देख लेना।
स्कूल ब्लाॅक के एक किराना व्यापारी सुभाष जैन से मुलाकात हुई। जैन साहब ने एक लाइन में बता दिया कि अगर डाॅक्टर वालिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ते, जो जरूर जीत जाते। लोगों में काफी गुस्सा है और बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा। अगर एक मिनिस्टर अपने विधानसभा क्षेत्र के 4 में से एक वाॅर्ड में भी कांग्रेस उम्मीदवार को नहीं जिता सकता, तो इससे जनता का मूड समझा जा सकता है। उन्होंने बताया कि उनके घर में पानी का बिल 9 हजार रुपये आया है और उस बिल ने कांग्रेस के प्रति रही सही हमदर्दी भी उनके मन से खत्म कर दी है।
हालांकि प्रीत विहार में रहने वाले व्यवसायी पुनीत मनचंदा का मानना है कि इस इलाके में पिछले 10-15 सालों में बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट हुआ है, लेकिन पार्किंग, पानी और सीवर की समस्या से लोग खासे परेशान हैं। बावजूद इसके डाॅक्टर साहब की अच्छी इमेज सीट बचाने में उनके लिए मददगार साबित होगी। लोग व्यक्तिगत रूप से उन्हें पसंद करते हैं और इसी आधार पर उन्हें वोट करेंगे। इसके बाद हम पहुंचते हैं रमेश पार्क इलाके में शकरपुर थाने के ठीक पीछे बने एक बस्ती में, जहां मुस्लिम बहुत आबादी है। यहां रहने वाले हकीकत उल्लाह का कहना था कि इस बार आम आदमी पार्टी की तरफ से डाॅक्टर साहब को कड़ी टक्कर मिलने वाली है। हालांकि डाॅक्टर साहब की छवि इतनी साफऊ है कि अगर वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव ना भी लड़ें, तो जीत जाएं लेकिन इस बार लोग कांग्रेस से खासे खफा हैं और इसका नुकसान डाॅक्टर साहब को झेलना पड़ सकता है।
बिजली, पानी, गैस सिलिंडर, पेट्रोल, अनाज, दूज, सब्जियां सब इतने महंगे हो गए हैं कि आम आदमी के लिए कुछ बचा पाना तो दूर घर चलाना मुश्किल हो रहा है। उधर आसिफ अली का कहना था अगर बीजेपी अभय वर्मा के बजाय बी बी त्यागी को खड़ा करती, तो वो डाॅक्टर वालिया को और अच्छी टक्कर देते। अब इसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिलेगा। उन्हें लोग काफी पसंद कर रहे हैं और मुस्लिमों का वोट इस बार कांग्रेस और आप के बीच बंटेगा। 

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