संजीव जैन
नई दिल्ली, दिल्ली के चुनावी दंगल में तमाम राजनीतिक पार्टियाॅं दस्साकसी में जुटी हैं, परन्तु कोई भी पार्टी अपनी नाक ऊॅंची रखने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल को तरजीह न देने का दिखावा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अरविंद केजरीवाल को हीरों बनाने के लिए मीडिया को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। एक चैनल को सक्षात्कार में शीला दीक्षित ने कहा कि आप (मीडिया) लोग बिना वजह चीज़ को नाचीज़ बना रहे हैं। वहीं बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी हर्षवर्धन एवं प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल भी दिल्ली के चुनावों में ‘आप’ की दावेदारी को सिरे से नकारते हुए नज़र आ रहे हैं। ऐसे ही कुछ हाल बसपा सुप्रीमो बहन मायावती की रैलियों में भी नज़र आ रहा है। साफ है कि कोई पार्टी अरविंद केजरीवाल या ‘आप’ को भाव न देकर उन्हें पब्लिसिटी नहीं देने को असफल प्रयास में जुटी हैं। हो ना हो इस रणनीति से वह अपनी नाक तो ऊॅची रख ही सकते हैं। परन्तु वास्तविकता क्या है इसका जवाब तो 4 दिसंबर को जनता ही दे पाएगी। चुनाव विशेषज्ञांे का मानना है कि चुनावों में ‘आप’ सीधे तौर पर कांग्रेस और भाजपा के समीकरण बिगाड़ रही है। यह समीकरण किस हद तक बिगड़तें है इसका इंतज़ार हर दिल्लीवासी को रहेगा।
नई दिल्ली, दिल्ली के चुनावी दंगल में तमाम राजनीतिक पार्टियाॅं दस्साकसी में जुटी हैं, परन्तु कोई भी पार्टी अपनी नाक ऊॅंची रखने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल को तरजीह न देने का दिखावा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अरविंद केजरीवाल को हीरों बनाने के लिए मीडिया को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। एक चैनल को सक्षात्कार में शीला दीक्षित ने कहा कि आप (मीडिया) लोग बिना वजह चीज़ को नाचीज़ बना रहे हैं। वहीं बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी हर्षवर्धन एवं प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल भी दिल्ली के चुनावों में ‘आप’ की दावेदारी को सिरे से नकारते हुए नज़र आ रहे हैं। ऐसे ही कुछ हाल बसपा सुप्रीमो बहन मायावती की रैलियों में भी नज़र आ रहा है। साफ है कि कोई पार्टी अरविंद केजरीवाल या ‘आप’ को भाव न देकर उन्हें पब्लिसिटी नहीं देने को असफल प्रयास में जुटी हैं। हो ना हो इस रणनीति से वह अपनी नाक तो ऊॅची रख ही सकते हैं। परन्तु वास्तविकता क्या है इसका जवाब तो 4 दिसंबर को जनता ही दे पाएगी। चुनाव विशेषज्ञांे का मानना है कि चुनावों में ‘आप’ सीधे तौर पर कांग्रेस और भाजपा के समीकरण बिगाड़ रही है। यह समीकरण किस हद तक बिगड़तें है इसका इंतज़ार हर दिल्लीवासी को रहेगा।
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