जीटीबी संवाददाता
नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डाॅ. हर्षवर्धन के कारण सुर्खियों में आई दिल्ली विधानसभा की कृष्णानगर सीट पर पार्टी जीत के लिये भले ही आश्वस्त दिखाई दे रही हो, लेकिन यहां चार बार से विधायक डाॅ. हर्षवर्धन के लिये यह सीट अब नाक का सवाल बन गई है।
पूर्वी दिल्ली की यह सीट गीता कालोनी, कृष्णा नगर, अनारकली और घोंडली मंडल में बंटी हुई है और इसमें करीब एक लाख 80 हजार मतदाता हैं। डाॅ. हर्षवर्धन कृष्णानगर सीट से चार बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं और तभी से इसे भाजपा का गढ़ भी कहा जाने लगा है।
पहली बार चुनावों में खडी हुई आम आदमी पार्टी (आप) ने इस सीट से इश्रत अली अंसारी, बहुजन समाज पार्टी ने नईम अब्बास, समाजवादी पार्टी ने सलमा और कांग्रेस ने डाॅ. वीके मोंगा को मैदान में उतारा है, जबकि सरूर, राजेश, अजय सूर्यवंशी और विजय कुमार अरोड़ा निर्दलीय खड़े हुये हैं। भाजपा के पूर्व पार्षद डाॅ. मोंगा को कांग्रेस अपनी उम्मीद बनाकर उसके वोटों में सेंध लगाने के प्रयास में हैं। भाजपा को इस बार भी यहां से जीत की काफी उम्मीदें हैं।
भाजपा की पार्षद और इस क्षेत्र में डाॅ. हर्षवर्धन के लिये प्रचार-प्रसार में जुटी कल्पना जैन ने कहा कि कृष्णानगर में हर्षवर्धन की लोकप्रियता के सामने और कोई पार्टी या उम्मीदवार टिक नहीं सकता है। हमारे उम्मीदवार पिछले चार बार से यहां जीत रहे हैं और वह पांचवी बार भी विजयी होंगे।
जैन ने भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की प्रशंसा करते हुये कहा कि डाॅ. हर्षवर्धन एक सच्चे इंसान हैं और पार्टी इस बार करीब 30 हजार मतों के अंतर से उनकी जीत की उम्मीद कर रही है। उन्होंने इस इलाके में जो विकास कार्य किये हैं उससे जनता संतुष्ट है और परिणाम से सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके डाॅ. हर्षवर्धन ने 1993 में राजनीति में कदम रखा और उसी वर्ष विधानसभा के चुनाव में खड़े हुये और भारी बहुमत से विजयी हुये। भाजपा जहां एक ओर पांचवी बार जीत के लिये आश्वस्त हैं वहीं दूसरी ओर उसे इस बार इस सीट पर अपने बागी नेता का भी सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के पूर्व पार्षद और असंतुष्ट नेता मोंगा इसी वर्ष कांग्रेस में शामिल हुये हैं और मुख्य विपक्षी पार्टी की ओर से चुनावों में उतरे हुए हर्षवर्धन के सामने खडे हैं।
कृष्णानगर से पार्षद रह चुके में मोंगा भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और वह भाजपा के वोटों में कुछ सेंध लगा सकते हैं। कृष्णानगर और अनारकली में जहां भाजपा अधिक प्रभाव रखती हैं वहीं घोंडली और गीता कालोनी में कांग्रेस का दबदबा है लेकिन मोंगा यहां से वोट निकाल पायेंगे यह कहना मुश्किल है जबकि अन्य पार्टियों के उम्मीदवार अधिक प्रभावशाली नहीं है जिसने भाजपा के हौंसलों को और बढ़ा दिया है।
इस अहम विधानसभा क्षेत्र में पानी, सीवर और कूड़ा प्रबंधन जैसी कई अहम समस्यायें हैं और जनता अब भी इनके समाधान से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। कृष्णानगर में पिछले 35 वर्षों से रह रही संगीता मल्होत्रा ने कहा कि हम हर्षवर्धन को पसंद करते हैं लेकिन यहां पर कूडा, सीवेज, नालियों के संबंध में कई समस्यायें हैं और इन्हे लेकर अभी काफी काम किया जाना बाकी है। आठ दिसंबर को दिल्ली विधानसभा के परिणामों के आने के साथ ही साफ हो जायेगा कि डाॅ. हर्षवर्धन को पांचवीं बार चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बनने का कार्य प्रशस्त होता है या नहीं।
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