सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र
पूर्वी दिल्ली- जहां एक दिल्ली विधानसभा चुनावों का दंगल जोरों पर है वहीं दूसरी ओर दिल्ली जनता चुनाव आयोग बनाए कड़े नियम कायदों से कुछ राहत महसूस कर रहीं है। पर इन्हीं नियम कायदों के उम्मीदवारों की नाक नकेल डाल रखी है। हर राजनीतिक पार्टी इन नियम कायदों के रह कर अपने चुनाव प्रचार में जुटी है। चुनाव की इसी गहमा-गहमी के बीच हमारे संवाददाता राहुल जैन सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र चुनावी गहमा-गहमी की एक विस्तृत रिपोर्ट पेश कर रहे हैं। इस विधानसभा के अंतर्गत जी.टी.बी एन्क्लेव, दिलशाद गार्डन, ताहिरपुर, दिलशाद कालोनी, नन्द नगरी, सुंदर नगरी इत्यादि इलाके आते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति की बहुलता के चलते यह सीट अनुसूचित जाति उम्मीदवार के लिए आरक्षित रखी गई हैं। कांग्रेस के श्री वीर सिंह धिंगान इस क्षेत्र से अपनी जीत की हैटट्रिक लगा चुके हैं और उनकी कड़ी टक्कर मुख्यतः आम आदमी पार्टी के युवा एवं जुझारू उम्मीदवार श्री धर्मेन्द्र कोली से है।
कांग्रेस और भाजपा के खेमे में सेंध लगा रहे युवा धर्मेन्द्र कोली
कहा जाता है कि किस्मत का लिखा कोई नहीं बदल सकता। इसका उदाहरण है धर्मेन्द्र कोली को टिकट मिलना। आम आदमी पार्टी द्वारा पहले यह टिकट श्री धर्मेन्द्र कोली की स्वर्गीय बहन संतोष कोली को दिया गया था। परन्तु उनकी एक दुर्घटना में अकस्मात मृत्यु के पश्चात पार्टी ने यह टिकट धर्मेन्द्र को दिया। श्री धर्मेन्द्र खुद सुन्दर नगरी ‘एफ’ ब्लाक के निवासी हैं और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के सुन्दर नगरी में भूख हड़ताल पर बैठने के दौरान वह बहुत ही एक्टिव रहे, जिससे उनकी पहचान अनुसूचित जाति के वोटरों और क्षेत्र की अन्य जनता के बीच और भी गहरी हो गई। अनुसूचित जाति बहुलता वाले इलाके सुंदर नगरी मंे अच्छी पैठ से वे वीर सिंह धिंगान के वोट बैंक में जबरदस्त सेंध लगाएंगे। साथ ही ईमानदार पार्टी की विचारधारा से जुडे़ होने के कारण उन्हे बाकी इलाकों से भी अच्छे खासे वोट मिलने की उम्मीद है।
मजबूरी का नाम रामपाल
क्षेत्र में इस बार भाजपा के उम्मीदवार श्री रामपाल सिंह को लेकर किसी भी तरह को उत्साह नहीं देखने में आता है। यहां तक की पार्टी के जुडे जमीनी कार्यकर्ता भी मजबूरी समझ कर उनके साथ प्रचार में लगे हैं, परन्तु मजबूरी के चलते कार्यकर्ताओं के उत्साह में भारी कमी दिखाई पड़ती है। जो भी कार्यकर्ता उनकी रैलियों में जुडें हैं वे जिलाध्यक्ष श्री अनिल गुप्ता, उनकी पत्नी एवं पार्षद श्रीमती स्वाती गुप्ता की साख एवं सपोर्ट के चलते हैं। इसके अलावा क्षेत्र की जनता में श्री रामपाल सिंह की ज़रा भी पहचान न होना भाजपा के लिए खतरे की घंटी बन सकता है। साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि भाजपा उम्मीदवार व्यवहार कुशल भी नहीं हैं और उनके साथ प्रचार में लगे कुछ लोग तो शालीनता से कोसों दूर हैं। कुल मिलाकर यहां स्थिति असमंजस कीं बनती नज़र आ रही है।
धिंगान पर भारी महंगाई
पूर्वी दिल्ली- जहां एक दिल्ली विधानसभा चुनावों का दंगल जोरों पर है वहीं दूसरी ओर दिल्ली जनता चुनाव आयोग बनाए कड़े नियम कायदों से कुछ राहत महसूस कर रहीं है। पर इन्हीं नियम कायदों के उम्मीदवारों की नाक नकेल डाल रखी है। हर राजनीतिक पार्टी इन नियम कायदों के रह कर अपने चुनाव प्रचार में जुटी है। चुनाव की इसी गहमा-गहमी के बीच हमारे संवाददाता राहुल जैन सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र चुनावी गहमा-गहमी की एक विस्तृत रिपोर्ट पेश कर रहे हैं। इस विधानसभा के अंतर्गत जी.टी.बी एन्क्लेव, दिलशाद गार्डन, ताहिरपुर, दिलशाद कालोनी, नन्द नगरी, सुंदर नगरी इत्यादि इलाके आते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति की बहुलता के चलते यह सीट अनुसूचित जाति उम्मीदवार के लिए आरक्षित रखी गई हैं। कांग्रेस के श्री वीर सिंह धिंगान इस क्षेत्र से अपनी जीत की हैटट्रिक लगा चुके हैं और उनकी कड़ी टक्कर मुख्यतः आम आदमी पार्टी के युवा एवं जुझारू उम्मीदवार श्री धर्मेन्द्र कोली से है।
कांग्रेस और भाजपा के खेमे में सेंध लगा रहे युवा धर्मेन्द्र कोली
कहा जाता है कि किस्मत का लिखा कोई नहीं बदल सकता। इसका उदाहरण है धर्मेन्द्र कोली को टिकट मिलना। आम आदमी पार्टी द्वारा पहले यह टिकट श्री धर्मेन्द्र कोली की स्वर्गीय बहन संतोष कोली को दिया गया था। परन्तु उनकी एक दुर्घटना में अकस्मात मृत्यु के पश्चात पार्टी ने यह टिकट धर्मेन्द्र को दिया। श्री धर्मेन्द्र खुद सुन्दर नगरी ‘एफ’ ब्लाक के निवासी हैं और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के सुन्दर नगरी में भूख हड़ताल पर बैठने के दौरान वह बहुत ही एक्टिव रहे, जिससे उनकी पहचान अनुसूचित जाति के वोटरों और क्षेत्र की अन्य जनता के बीच और भी गहरी हो गई। अनुसूचित जाति बहुलता वाले इलाके सुंदर नगरी मंे अच्छी पैठ से वे वीर सिंह धिंगान के वोट बैंक में जबरदस्त सेंध लगाएंगे। साथ ही ईमानदार पार्टी की विचारधारा से जुडे़ होने के कारण उन्हे बाकी इलाकों से भी अच्छे खासे वोट मिलने की उम्मीद है।
मजबूरी का नाम रामपाल
क्षेत्र में इस बार भाजपा के उम्मीदवार श्री रामपाल सिंह को लेकर किसी भी तरह को उत्साह नहीं देखने में आता है। यहां तक की पार्टी के जुडे जमीनी कार्यकर्ता भी मजबूरी समझ कर उनके साथ प्रचार में लगे हैं, परन्तु मजबूरी के चलते कार्यकर्ताओं के उत्साह में भारी कमी दिखाई पड़ती है। जो भी कार्यकर्ता उनकी रैलियों में जुडें हैं वे जिलाध्यक्ष श्री अनिल गुप्ता, उनकी पत्नी एवं पार्षद श्रीमती स्वाती गुप्ता की साख एवं सपोर्ट के चलते हैं। इसके अलावा क्षेत्र की जनता में श्री रामपाल सिंह की ज़रा भी पहचान न होना भाजपा के लिए खतरे की घंटी बन सकता है। साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि भाजपा उम्मीदवार व्यवहार कुशल भी नहीं हैं और उनके साथ प्रचार में लगे कुछ लोग तो शालीनता से कोसों दूर हैं। कुल मिलाकर यहां स्थिति असमंजस कीं बनती नज़र आ रही है।
धिंगान पर भारी महंगाई
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