पूर्वी दिल्ली, राजधानी दिल्ली का उत्तर पूर्वी जिला वैसे तो कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार यहां कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जेपी अग्रवाल का संसदीय क्षेत्र और मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने के कारण यहां कांग्रेस के पक्ष में ज्यादातर वोट पड़ते हैं। लेकिन पिछले चुनावों में भाजपा के अलावा बहुजन समाज पार्टी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था।
पिछली बार यहां 5 सीटें जीतकर कांग्रेस पहले नंबर पर थी, जबकि दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी रही, लेकिन बसपा ने यहां कई पार्टियों का खेल बिगाड़ कर रख दिया था। बसपा की यहां एक सीट आई थी। पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो तिमारपुर से कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुरेन्द्र पाल बिटटू को कुल 39,997 वोट मिले थे लेकिन इस बार इस सीट पर मुकाबला कांटे का होगा।
सीलमपुर सीट भी हमेशा से ही कांग्रेस के पास रही है। चैधरी मतीन यहां से विधायक हैं, मतीन हमेशा से भारी मतों से जीतते आए हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि मतीन का पूरे इलाके में बोलबाला है। पिछले चुनाव में मतीन को कुल 47,820 वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा के सीता राम गुप्ता को मात्र 21,546 वोट ही मिले थे। जिसके चलते उन्हें हरा पाना मुश्किल माना जाता है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मसूद खान के आ जाने से इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बनता नज़र आ रहा है।
करावल नगर सीट पर भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट का कब्जा है। यह सीट हमेशा से भाजपा के पास रही है। पिछले चुनाव में बिष्ट को 43,980 मिले थे। कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर पिछड़ गई थी। इस बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा के चुनाव में ताल ठोकने से भाजपा की मुश्किल बढ़ सकती है।
बाबरपुर सीट से भाजपा के नरेश गौड़ विधायक हैं। इस सीट पर कशमकश की स्थिति बनी हुई है। आम आदमी पार्टी के प्रथम पंक्ति के ईमानदार एवं झुझारू नेता गोपाल राय और उनके समर्थकों ने भाजपा उम्मीदवार की नींद उडा रखी है। कांग्रेस की जीत की इस बार भी कोई उम्मीद नही है।
रोहताश नगर से मौजूदा विधायक हैं विपिन शर्मा। विपिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रामबाबू शर्मा के बेटे हैं। इस सीट पर वह रामबाबू शर्मा के निधन के बाद पिता की विरासत को संभाल रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र महाजन दिल्ली में मोदी लहर के चलते इस बार जीत का परचम लहरा सकते हैं।
सीमापुरी सीट हमेशा से कांग्रेस के पास ही रही है। मौजूदा विधायक वीर सिंह धिंगान हैटट्रिक मार चुके हैं परन्तु इस बार आम आदमी पार्टी के चुनाव में कूदने से और भाजपा कार्यकतोओं के निराशाजनक प्रदर्शन से आम आदमी पार्टी को लाभ मिलता नज़र आ रहा है।
घौंडा सीट पर इस बार कुछ भी हो सकता है। इस सीट पर पिछली बार भाजपा के साहिब सिंह चैहान जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और इस बार कांग्रेस से भीष्म शर्मा एवं आम आदमी पार्टी से दाताराम बैंसला भी चुनावी मैदान में कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं।
गोकुलपुर सीट पर पिछली बार सभी संभावनाओं को नकारते हुए बसपा के सुरेन्द्र कुमार जीते थे।
मुस्तफाबाद सीट पर फिलहाल कांग्रेस के हसन अहमद का कब्जा है। परंतु इस बार कांग्रेस के बागी जगदीश प्रधान के भाजपा में आ जाने से मुकाबला कड़ा होता नज़र आ रहा है।
अंतिम सीट आती है, बुराड़ी। इस सीट पर भाजपा का कब्जा है, मौजूदा विधायक श्रीकृष्ण त्यागी हैं। इस बार कांग्रेस के दीपक त्यागी एवं आम आदमी पार्टी से संजीव झा भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
पिछली बार यहां 5 सीटें जीतकर कांग्रेस पहले नंबर पर थी, जबकि दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी रही, लेकिन बसपा ने यहां कई पार्टियों का खेल बिगाड़ कर रख दिया था। बसपा की यहां एक सीट आई थी। पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो तिमारपुर से कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुरेन्द्र पाल बिटटू को कुल 39,997 वोट मिले थे लेकिन इस बार इस सीट पर मुकाबला कांटे का होगा।
सीलमपुर सीट भी हमेशा से ही कांग्रेस के पास रही है। चैधरी मतीन यहां से विधायक हैं, मतीन हमेशा से भारी मतों से जीतते आए हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि मतीन का पूरे इलाके में बोलबाला है। पिछले चुनाव में मतीन को कुल 47,820 वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा के सीता राम गुप्ता को मात्र 21,546 वोट ही मिले थे। जिसके चलते उन्हें हरा पाना मुश्किल माना जाता है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मसूद खान के आ जाने से इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बनता नज़र आ रहा है।
करावल नगर सीट पर भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट का कब्जा है। यह सीट हमेशा से भाजपा के पास रही है। पिछले चुनाव में बिष्ट को 43,980 मिले थे। कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर पिछड़ गई थी। इस बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा के चुनाव में ताल ठोकने से भाजपा की मुश्किल बढ़ सकती है।
बाबरपुर सीट से भाजपा के नरेश गौड़ विधायक हैं। इस सीट पर कशमकश की स्थिति बनी हुई है। आम आदमी पार्टी के प्रथम पंक्ति के ईमानदार एवं झुझारू नेता गोपाल राय और उनके समर्थकों ने भाजपा उम्मीदवार की नींद उडा रखी है। कांग्रेस की जीत की इस बार भी कोई उम्मीद नही है।
रोहताश नगर से मौजूदा विधायक हैं विपिन शर्मा। विपिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रामबाबू शर्मा के बेटे हैं। इस सीट पर वह रामबाबू शर्मा के निधन के बाद पिता की विरासत को संभाल रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र महाजन दिल्ली में मोदी लहर के चलते इस बार जीत का परचम लहरा सकते हैं।
सीमापुरी सीट हमेशा से कांग्रेस के पास ही रही है। मौजूदा विधायक वीर सिंह धिंगान हैटट्रिक मार चुके हैं परन्तु इस बार आम आदमी पार्टी के चुनाव में कूदने से और भाजपा कार्यकतोओं के निराशाजनक प्रदर्शन से आम आदमी पार्टी को लाभ मिलता नज़र आ रहा है।
घौंडा सीट पर इस बार कुछ भी हो सकता है। इस सीट पर पिछली बार भाजपा के साहिब सिंह चैहान जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और इस बार कांग्रेस से भीष्म शर्मा एवं आम आदमी पार्टी से दाताराम बैंसला भी चुनावी मैदान में कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं।
गोकुलपुर सीट पर पिछली बार सभी संभावनाओं को नकारते हुए बसपा के सुरेन्द्र कुमार जीते थे।
मुस्तफाबाद सीट पर फिलहाल कांग्रेस के हसन अहमद का कब्जा है। परंतु इस बार कांग्रेस के बागी जगदीश प्रधान के भाजपा में आ जाने से मुकाबला कड़ा होता नज़र आ रहा है।
अंतिम सीट आती है, बुराड़ी। इस सीट पर भाजपा का कब्जा है, मौजूदा विधायक श्रीकृष्ण त्यागी हैं। इस बार कांग्रेस के दीपक त्यागी एवं आम आदमी पार्टी से संजीव झा भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
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