Tuesday, December 3, 2013

दिल्ली विधानसभा चुनाव : नाचीज़ ही ना बना दे चीज़ो को नाचीज?

संजीव जैन
नई दिल्ली, दिल्ली के चुनावी दंगल में तमाम राजनीतिक पार्टियाॅं दस्साकसी में जुटी हैं, परन्तु कोई भी पार्टी अपनी नाक ऊॅंची रखने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल को तरजीह न देने का दिखावा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अरविंद केजरीवाल को हीरों बनाने के लिए मीडिया को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। एक चैनल को सक्षात्कार में शीला दीक्षित ने कहा कि आप (मीडिया) लोग बिना वजह चीज़ को नाचीज़ बना रहे हैं। वहीं बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी हर्षवर्धन एवं प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल भी दिल्ली के चुनावों  में ‘आप’ की दावेदारी को सिरे से नकारते हुए नज़र आ रहे हैं। ऐसे ही कुछ हाल बसपा सुप्रीमो बहन मायावती की रैलियों में भी नज़र आ रहा है। साफ है कि कोई पार्टी अरविंद केजरीवाल या ‘आप’ को भाव न देकर उन्हें पब्लिसिटी नहीं देने को असफल प्रयास में जुटी हैं। हो ना हो इस रणनीति से वह अपनी नाक तो ऊॅची रख ही सकते हैं। परन्तु वास्तविकता क्या है इसका जवाब तो 4 दिसंबर को जनता ही दे पाएगी। चुनाव विशेषज्ञांे का मानना है कि चुनावों में ‘आप’ सीधे तौर पर कांग्रेस और भाजपा के समीकरण बिगाड़ रही है। यह समीकरण किस हद तक बिगड़तें है इसका इंतज़ार हर दिल्लीवासी को रहेगा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव : ‘आप’ का जोर, भाजपा प्रत्याशी से निराश

सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र 
पूर्वी दिल्ली- जहां एक दिल्ली विधानसभा चुनावों का दंगल जोरों पर है वहीं दूसरी ओर दिल्ली जनता चुनाव आयोग बनाए कड़े नियम कायदों से कुछ राहत महसूस कर रहीं है। पर इन्हीं नियम कायदों के उम्मीदवारों की नाक नकेल डाल रखी है। हर राजनीतिक पार्टी इन नियम कायदों के रह कर अपने चुनाव प्रचार में जुटी है। चुनाव की इसी गहमा-गहमी के बीच हमारे संवाददाता राहुल जैन सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र चुनावी गहमा-गहमी की एक विस्तृत रिपोर्ट पेश कर रहे हैं। इस विधानसभा के अंतर्गत जी.टी.बी एन्क्लेव, दिलशाद गार्डन, ताहिरपुर, दिलशाद कालोनी, नन्द नगरी, सुंदर नगरी इत्यादि इलाके आते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति की बहुलता के चलते यह सीट अनुसूचित जाति उम्मीदवार के लिए आरक्षित रखी गई हैं। कांग्रेस के श्री वीर सिंह धिंगान इस क्षेत्र से अपनी जीत की हैटट्रिक लगा चुके हैं और उनकी कड़ी टक्कर मुख्यतः आम आदमी पार्टी के युवा एवं जुझारू उम्मीदवार श्री धर्मेन्द्र कोली से है। 



कांग्रेस और भाजपा के खेमे में सेंध लगा रहे युवा धर्मेन्द्र कोली
कहा जाता है कि किस्मत का लिखा कोई नहीं बदल सकता। इसका उदाहरण है धर्मेन्द्र कोली को टिकट मिलना। आम आदमी पार्टी द्वारा पहले यह टिकट श्री धर्मेन्द्र कोली की स्वर्गीय बहन संतोष कोली को दिया गया था। परन्तु उनकी एक दुर्घटना में अकस्मात मृत्यु के पश्चात पार्टी ने यह टिकट धर्मेन्द्र को दिया। श्री धर्मेन्द्र खुद सुन्दर नगरी ‘एफ’ ब्लाक के निवासी हैं और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के सुन्दर नगरी में भूख हड़ताल पर बैठने के दौरान वह बहुत ही एक्टिव रहे, जिससे उनकी पहचान अनुसूचित जाति के वोटरों और क्षेत्र की अन्य जनता के बीच और भी गहरी हो गई। अनुसूचित जाति बहुलता वाले इलाके सुंदर नगरी मंे अच्छी पैठ से वे वीर सिंह धिंगान के वोट बैंक में जबरदस्त सेंध लगाएंगे। साथ ही ईमानदार पार्टी की विचारधारा से जुडे़ होने के कारण उन्हे बाकी इलाकों से भी अच्छे खासे वोट मिलने की उम्मीद है।


मजबूरी का नाम रामपाल
क्षेत्र में इस बार भाजपा के उम्मीदवार श्री रामपाल सिंह को लेकर किसी भी तरह को उत्साह नहीं देखने में आता है। यहां तक की पार्टी के जुडे जमीनी कार्यकर्ता भी मजबूरी समझ कर उनके साथ प्रचार में लगे हैं, परन्तु मजबूरी के चलते कार्यकर्ताओं के उत्साह में भारी कमी दिखाई पड़ती है। जो भी कार्यकर्ता उनकी रैलियों में जुडें हैं वे जिलाध्यक्ष श्री अनिल गुप्ता, उनकी पत्नी एवं पार्षद श्रीमती स्वाती गुप्ता की साख एवं सपोर्ट के चलते हैं।  इसके अलावा क्षेत्र की जनता में श्री रामपाल सिंह की ज़रा भी पहचान न होना भाजपा के लिए खतरे की घंटी बन सकता है। साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि भाजपा उम्मीदवार व्यवहार कुशल भी नहीं हैं और उनके साथ प्रचार में लगे कुछ लोग तो शालीनता से कोसों दूर हैं। कुल मिलाकर यहां स्थिति असमंजस कीं बनती नज़र आ रही है।

धिंगान पर भारी महंगाई

श्री वीर सिंह धिंगान 1998 में पहली बार जीत कर क्षेत्र में चुन कर आए और 2008 में जीत कर उन्होंने अपनी हैटट्रिक पूरी की। अपनी लगातार जीत के चलते उन्हें दिल्ली खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड का चेयरमैन भी नियुक्त किया गया। श्री धिंगान लगातार क्षेत्र में डटे रहने के कारण एक अच्छा जनसम्पर्क नेटवर्क और क्षेत्र की जनता में अपनी पहचान रखते हैं। उनके द्वारा 15 साल में कराए गए कुछ महत्वपूर्ण विकासीय कार्यों को जनता नहीं नकारती। परन्तु क्षेत्र के पार्कों में फव्वारों के निर्माण के नाम पर बेकार किए गए फंड, क्षेत्र में धडल्ले से हुए अवैध निर्माण, पार्किंग की जबरदस्त किल्लत, पेयजल किल्लत के चलते इस बार क्षेत्र के निवासी उनसे रूठे हुए नज़र आते हैं। इसके अलावा इस बार पार्टी के कार्यकर्ता की बेरूखी भी उन्हें भारी पड़ सकती है। इसके अलावा उनके विरोधी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार श्री धर्मेन्द्र कोली ने अनुसूचित जाति बहुलता वाले इलाके सुंदर नगरी, नंद नगरी इत्यादि में बहुत ही मजबूत पकड़ बना ली है क्योंकि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल कुछ समय पहले बिजली के बढ़े बिलो को लेकर सुन्दर नगरी में ही भूख हड़ताल पर बैठे थे। जिससें श्री धिंगान के वोट बैंक अच्छी खासी सेंध लगी है। ऊपर से महंगाई, बिजली-पानी के बढ़े बिलों जैसे राज्य स्तरीय मुद्दे भी आग में घी का काम करेंगे। परन्तु भाजपा के कमजोर उम्मीदवार के चलते उन्हे इसका कुछ लाभ मिल सकता है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव : डाक्टर साहब की कड़ी परीक्षा

जीटीबी संवाददाता
नई दिल्ली, ईस्ट दिल्ली की लक्ष्मी नगर सीट की चुनावी तस्वीर कैसी है, इस पर सबसे पहले पांडव नगर इलाके की एक गली में केलेे बेच रहे सुनील की राय सुनिए। सुनील का कहना है कि महंगाई ने लोगों का बुरा हाल कर रखा है और इस बार कांग्रेस को यहां अपनी सीट बचाने के लिए नाकों चने चबाने पड़ेंगे। हालांकि डाॅक्टर साहब
(डाॅ. ए. के. वालिया) को इधर के लोग काफी पसंद करते हैं।
अब देखना यह है कि कहीं यह नाराजगी डाॅक्टर साहब को भारी तो नहीं पड़ जाएगी। वहीं सुनील से केलेेे खरीद रहे जूलर मनीष पुरी कहते हैं हमारा पूरा परिवार शुरू से ही कांग्रेस का समर्थक रहा है, लेकिन इस बार यहां सबकी हवा टाइट है। कोई भी यकीन के साथ जीत का दावा नहीं कर सकता। हालांकि यहां का बच्चा-बच्चा डाॅक्टर साहब को जानता है, लेकिन आम आदमी पार्टी को भी लोग काफी सपोर्ट कर रहे हैं। हालांकि आप कैंडिडेट विनोद कुमार बिन्नी खिचड़ीपुर के रहने वाले हैं, लेकिन यहां उन्होंने कम समय में अच्छी पकड़ बना ली है।
थोड़ा आगे चले तो चंद्र प्रभा मिलीं, जिन्हें इस बात की नाराजगी थी कि दिल्ली सरकार और एमसीडी दोनों ही बुजुर्गों को पेंशन देने की बात कहकर वाहवाही तो बहुत लूटते हैं, लेकिन असल में बुजुर्गों को टाइम पर पेंशन मिल ही नहीं और मिलती भी है तो पूरी नहीं मिलती। उनका सवाल था कि जब कांग्रेस और बीजेपी दोनों जनता के हित की बात करते हैं, तो फिर दिल्ली सरकार और एमसीडी की पेशंन के अमाउंट में फर्क क्यों है। उनका कहना था कि डाॅक्टर साहब की रेपुटेशन भले ही अच्छी है, लेकिन यह भी सच है कि यहां बुजुर्गों को सरकारी पेंशन के मामले में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और वोटिंग करते वक्त हम इस बात को ध्यान में रखकर वोट करेंगे।
अब सुनिए गृहणियों का क्या कहना है। पांडव नगर में रहने वाली टीना वालिया का कहना है कि महंगाई ने हमारा माइंड वाॅश कर दिया है। पुलिस पैसे लिए बिना स्नैचिंग का केस दर्ज नहीं करतीं। मैंने तो तय कर लिया है कि इस बार में नोटा का बटन ही दबाऊंगी। उन्हीं के साथ मौजूद सुनीता और हरप्रीत का कहना था कि हमें तो आम आदमी पार्टी पर भी कोई भरोसा नहीं है। आप के उम्मीदवारों पर हुए स्टिंग के केस के बाद तो हमारा भरोसा और उठ गया है। इलाके के विकास के सवाल पर जितेंद्र कौर अनीता चुटकी लेते हुए कहती हैं कि हां, हमारे इलाके में विकास हुआ है ना। अभी तीन महीने पहले यहां एक नई डिस्पेंसरी खुली है और 5 साल में पहली बार नई रोड बनी है। बाकी सफाई का हाल तो आप देख ही रहे और स्ट्रीट लाइट का हाल रात को आकर देख लेना।
स्कूल ब्लाॅक के एक किराना व्यापारी सुभाष जैन से मुलाकात हुई। जैन साहब ने एक लाइन में बता दिया कि अगर डाॅक्टर वालिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ते, जो जरूर जीत जाते। लोगों में काफी गुस्सा है और बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा। अगर एक मिनिस्टर अपने विधानसभा क्षेत्र के 4 में से एक वाॅर्ड में भी कांग्रेस उम्मीदवार को नहीं जिता सकता, तो इससे जनता का मूड समझा जा सकता है। उन्होंने बताया कि उनके घर में पानी का बिल 9 हजार रुपये आया है और उस बिल ने कांग्रेस के प्रति रही सही हमदर्दी भी उनके मन से खत्म कर दी है।
हालांकि प्रीत विहार में रहने वाले व्यवसायी पुनीत मनचंदा का मानना है कि इस इलाके में पिछले 10-15 सालों में बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट हुआ है, लेकिन पार्किंग, पानी और सीवर की समस्या से लोग खासे परेशान हैं। बावजूद इसके डाॅक्टर साहब की अच्छी इमेज सीट बचाने में उनके लिए मददगार साबित होगी। लोग व्यक्तिगत रूप से उन्हें पसंद करते हैं और इसी आधार पर उन्हें वोट करेंगे। इसके बाद हम पहुंचते हैं रमेश पार्क इलाके में शकरपुर थाने के ठीक पीछे बने एक बस्ती में, जहां मुस्लिम बहुत आबादी है। यहां रहने वाले हकीकत उल्लाह का कहना था कि इस बार आम आदमी पार्टी की तरफ से डाॅक्टर साहब को कड़ी टक्कर मिलने वाली है। हालांकि डाॅक्टर साहब की छवि इतनी साफऊ है कि अगर वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव ना भी लड़ें, तो जीत जाएं लेकिन इस बार लोग कांग्रेस से खासे खफा हैं और इसका नुकसान डाॅक्टर साहब को झेलना पड़ सकता है।
बिजली, पानी, गैस सिलिंडर, पेट्रोल, अनाज, दूज, सब्जियां सब इतने महंगे हो गए हैं कि आम आदमी के लिए कुछ बचा पाना तो दूर घर चलाना मुश्किल हो रहा है। उधर आसिफ अली का कहना था अगर बीजेपी अभय वर्मा के बजाय बी बी त्यागी को खड़ा करती, तो वो डाॅक्टर वालिया को और अच्छी टक्कर देते। अब इसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिलेगा। उन्हें लोग काफी पसंद कर रहे हैं और मुस्लिमों का वोट इस बार कांग्रेस और आप के बीच बंटेगा। 

दिल्ली विधानसभा चुनाव : दाव पर लगी हर्षवर्धन की साख


जीटीबी संवाददाता
नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डाॅ. हर्षवर्धन के कारण सुर्खियों में आई दिल्ली विधानसभा की कृष्णानगर सीट पर पार्टी जीत के लिये भले ही आश्वस्त दिखाई दे रही हो, लेकिन यहां चार बार से विधायक डाॅ. हर्षवर्धन के लिये यह सीट अब नाक का सवाल बन गई है।
पूर्वी दिल्ली की यह सीट गीता कालोनी, कृष्णा नगर, अनारकली और घोंडली मंडल में बंटी हुई है और इसमें करीब एक लाख 80 हजार मतदाता हैं। डाॅ. हर्षवर्धन कृष्णानगर सीट से चार बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं और तभी से इसे भाजपा का गढ़ भी कहा जाने लगा है।
पहली बार चुनावों में खडी हुई आम आदमी पार्टी (आप) ने इस सीट से इश्रत अली अंसारी, बहुजन समाज पार्टी ने नईम अब्बास, समाजवादी पार्टी ने सलमा और कांग्रेस ने डाॅ. वीके मोंगा को मैदान में उतारा है, जबकि सरूर, राजेश, अजय सूर्यवंशी और विजय कुमार अरोड़ा निर्दलीय खड़े हुये हैं। भाजपा के पूर्व पार्षद डाॅ. मोंगा को कांग्रेस अपनी उम्मीद बनाकर उसके वोटों में सेंध लगाने के प्रयास में हैं। भाजपा को इस बार भी यहां से जीत की काफी उम्मीदें हैं।
भाजपा की पार्षद और इस क्षेत्र में डाॅ. हर्षवर्धन के लिये प्रचार-प्रसार में जुटी कल्पना जैन ने कहा कि कृष्णानगर में हर्षवर्धन की लोकप्रियता के सामने और कोई पार्टी या उम्मीदवार टिक नहीं सकता है। हमारे उम्मीदवार पिछले चार बार से यहां जीत रहे हैं और वह पांचवी बार भी विजयी होंगे।
जैन ने भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की प्रशंसा करते हुये कहा कि डाॅ. हर्षवर्धन एक सच्चे इंसान हैं और पार्टी इस बार करीब 30 हजार मतों के अंतर से उनकी जीत की उम्मीद कर रही है। उन्होंने इस इलाके में जो विकास कार्य किये हैं उससे जनता संतुष्ट है और परिणाम से सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके डाॅ. हर्षवर्धन ने 1993 में राजनीति में कदम रखा और उसी वर्ष विधानसभा के चुनाव में खड़े हुये और भारी बहुमत से विजयी हुये। भाजपा जहां एक ओर पांचवी बार जीत के लिये आश्वस्त हैं वहीं दूसरी ओर उसे इस बार इस सीट पर अपने बागी नेता का भी सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के पूर्व पार्षद और असंतुष्ट नेता मोंगा इसी वर्ष कांग्रेस में शामिल हुये हैं और मुख्य विपक्षी पार्टी की ओर से चुनावों में उतरे हुए हर्षवर्धन के सामने खडे हैं।
कृष्णानगर से पार्षद रह चुके में मोंगा भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और वह भाजपा के वोटों में कुछ सेंध लगा सकते हैं। कृष्णानगर और अनारकली में जहां भाजपा अधिक प्रभाव रखती हैं वहीं घोंडली और गीता कालोनी में कांग्रेस का दबदबा है लेकिन मोंगा यहां से वोट निकाल पायेंगे यह कहना मुश्किल है जबकि अन्य पार्टियों के उम्मीदवार अधिक प्रभावशाली नहीं है जिसने भाजपा के हौंसलों को और बढ़ा दिया है।
इस अहम विधानसभा क्षेत्र में पानी, सीवर और कूड़ा प्रबंधन जैसी कई अहम समस्यायें हैं और जनता अब भी इनके समाधान से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। कृष्णानगर में पिछले 35 वर्षों से रह रही संगीता मल्होत्रा ने कहा कि हम हर्षवर्धन को पसंद करते हैं लेकिन यहां पर कूडा, सीवेज, नालियों के संबंध में कई समस्यायें हैं और इन्हे लेकर अभी काफी काम किया जाना बाकी है। आठ दिसंबर को दिल्ली विधानसभा के परिणामों के आने के साथ ही साफ हो जायेगा कि डाॅ. हर्षवर्धन को पांचवीं बार चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बनने का कार्य प्रशस्त होता है या नहीं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव : खुद शीला की सीट भी खतरे में!


जीटीबी संवाददाता
नई दिल्ली, अब से ठीक एक हफ्ते बाद
दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी घमासान चरम पर है। हर पार्टी चुनाव में जीत का दावा तो कर रही है, लेकिन प्रमुख पार्टियां अपने उम्मीदवारों की जीत को लेकर आश्वस्त नहीं है। सियासी जानकारों की मानें तो इसका मुख्य कारण आम आदमी पार्टी का चुनावी मैदान में कूदना है।
एक ताजा सर्वे के मुताबिक, सीएम शीला दीक्षित भी अपनी सीट बचाने में नाकाम साबित हो रही हैं। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल उन्हें भारी अंतर से हराते दिख रहे हैं।दरअसल, एक अंग्रेजी अखबार ने एक ओपिनियन पोल के हवाले से लिखा है कि इस बार नई दिल्ली विधानसभा सीट पर सबसे बड़ा उलटफेर हो सकता है। अखबार ने विधानसभा क्षेत्र के 2101 रजिस्टर्ड वोटरों पर यह सर्वे किया। इसके मुताबिक 4 तारीख को होने जा रहे मतदान में 40 फीसदी लोग केजरीवाल को वोट देने जा रहे हैं। केजरीवाल पुरुषों और महिलाओं दोनों की पसंद बनकर उभर सकते हैं। सर्वे की मानें तो उन्हें पुरुषों के 41 फीसदी और महिलाओं के 42 फीसदी वोट मिल सकते हैं।
सर्वे के मुताबिक, तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सबसे कम वोट मिलने वाले हैं। उन्हें सिर्फ 20 फीसदी वोटों से संतोष करना होगा। दूसरे नंबर पर रहेंगे बीजेपी के उम्मीदवार विजेंद्र गुप्ता, जिन्हें 21 फीसदी वोट मिल सकते हैं।
22 से 24 नवंबर के बीच कराए गए इस सर्वे में बहुत कम लोगों ने हिस्सा लिया है, लेकिन फिर भी इसने कहीं न कहीं शीला दीक्षित के लंबे राजनीतिक करियर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर वह केजरीवाल जैसे नए नवेले नेता से चुनाव हार गईं तो यह न सिर्फ दिल्ली बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिहाज से भी यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए बेहद निराशा का मौका होगा।अखबार ने यह सर्वे फेस टु फेस इंटरव्यू के जरिए करवाया। वह भी ऐसे समय में जब आम आदमी पार्टी एक विवादित स्टिंग आॅपरेशन की काली छाया से जूझ रही है। सर्वे की मानें तो 45 साल के केजरीवाल को समाज के सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है। खास तौर से युवाओं में वह बेहद लोकप्रिय नजर आते हैं। सर्वे के मुताबिक, 18 से 25 की उम्र के 49 फीसदी लोग केजरीवाल को वोट देने वाले हैं। इसी उम्र के 19 फीसदी कांग्रेस और 20 फीसदी बीजेपी को वोट देंगे।
इस सर्वे में हिस्सा लेने वालों में 21 फीसदी लोग 18 से 25 साल के थे। उम्र के सभी वर्गों में आम आदमी पार्टी बीजेपी-कांग्रेस से बेहतर स्थिति में नजर आ रही है। अखबार के मुताबिक, उनके इस सर्वे में सिर्फ 2.12 फीसदी का मार्जिन आॅफ एरर है। अखबार ने सर्वे पर 95 फीसदी काॅन्फिडेंस लेवल जताया है।
आपको बता दें कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र 1.23 लाख वोटरों का घर है। 2008 में परिसीमन से पहले इस क्षेत्र को गोल मार्केट कहा जाता था। शीला के चुनावी सफर के लिहाज से यह उनका होम ग्राउंड है। वह यहां से तीन बार चुनाव जीत चुकी हैं। हालांकि उनकी जीत का अंतर पिछले दो चुनावों में कम हुआ है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 - उत्तर-पूर्वी जिले में ‘आप’ बिगाडे़गी समीकरण

पूर्वी दिल्ली, राजधानी दिल्ली का उत्तर पूर्वी जिला वैसे तो कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार यहां कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जेपी अग्रवाल का संसदीय क्षेत्र और मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने के कारण यहां कांग्रेस के पक्ष में ज्यादातर वोट पड़ते हैं। लेकिन पिछले चुनावों में भाजपा के अलावा बहुजन समाज पार्टी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था।
पिछली बार यहां 5 सीटें जीतकर कांग्रेस पहले नंबर पर थी, जबकि दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी रही, लेकिन बसपा ने यहां कई पार्टियों का खेल बिगाड़ कर रख दिया था। बसपा की यहां एक सीट आई थी। पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो तिमारपुर से कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुरेन्द्र पाल बिटटू को कुल 39,997 वोट मिले थे लेकिन इस बार इस सीट पर मुकाबला कांटे का होगा।

सीलमपुर सीट भी हमेशा से ही कांग्रेस के पास रही है। चैधरी मतीन यहां से विधायक हैं, मतीन हमेशा से भारी मतों से जीतते आए हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि मतीन का पूरे इलाके में बोलबाला है। पिछले चुनाव में मतीन को कुल 47,820 वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा के सीता राम गुप्ता को मात्र 21,546 वोट ही मिले थे। जिसके चलते उन्हें हरा पाना मुश्किल माना जाता है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मसूद खान के आ जाने से इस सीट पर  मुकाबला त्रिकोणीय बनता नज़र आ रहा है।

करावल नगर सीट पर भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट का कब्जा है।  यह सीट हमेशा से भाजपा के पास रही है। पिछले चुनाव में बिष्ट को 43,980 मिले थे। कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर पिछड़ गई थी। इस बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा के चुनाव में ताल ठोकने से भाजपा की मुश्किल बढ़ सकती है।
बाबरपुर सीट से भाजपा के नरेश गौड़ विधायक हैं। इस सीट पर कशमकश की स्थिति बनी हुई है। आम आदमी पार्टी के प्रथम पंक्ति के ईमानदार एवं झुझारू नेता गोपाल राय और उनके समर्थकों ने भाजपा उम्मीदवार की नींद उडा रखी है। कांग्रेस की जीत की इस बार भी कोई उम्मीद नही है।
रोहताश नगर से मौजूदा विधायक हैं विपिन शर्मा। विपिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रामबाबू शर्मा के बेटे हैं। इस सीट पर वह रामबाबू शर्मा के निधन के बाद पिता की विरासत को संभाल रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र महाजन दिल्ली में मोदी लहर के चलते इस बार जीत का परचम लहरा सकते हैं।
सीमापुरी सीट हमेशा से कांग्रेस के पास ही रही है। मौजूदा विधायक वीर सिंह धिंगान हैटट्रिक मार चुके हैं परन्तु इस बार आम आदमी पार्टी के चुनाव में कूदने से और भाजपा कार्यकतोओं के निराशाजनक प्रदर्शन से आम आदमी पार्टी को लाभ मिलता नज़र आ रहा है।
घौंडा सीट पर इस बार कुछ भी हो सकता है। इस सीट पर पिछली बार भाजपा के साहिब सिंह चैहान जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और इस बार कांग्रेस से भीष्म शर्मा एवं आम आदमी पार्टी से दाताराम बैंसला भी चुनावी मैदान में कड़ी टक्कर देने को तैयार हैं।
गोकुलपुर सीट पर पिछली बार सभी संभावनाओं को नकारते हुए बसपा के सुरेन्द्र कुमार जीते थे।
मुस्तफाबाद सीट पर फिलहाल कांग्रेस के हसन अहमद का कब्जा है। परंतु इस बार कांग्रेस के बागी जगदीश प्रधान के भाजपा में आ जाने से मुकाबला कड़ा होता नज़र आ रहा है।
अंतिम सीट आती है, बुराड़ी। इस सीट पर भाजपा का कब्जा है, मौजूदा विधायक श्रीकृष्ण त्यागी हैं। इस बार कांग्रेस के दीपक त्यागी एवं आम आदमी पार्टी से संजीव झा भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।

Monday, December 2, 2013

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन भाजपा के लिए वोट मांगते भाजयुमो अध्यक्ष अनुराग ठाकुर।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन वोट मांगते आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन गांधीनगर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के लिए वोट मांगते कांग्रेस विधायक अरविंदर सिंह।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन कांग्रेस प्रत्याशी अशोक जैन के लिए वोट मांगते केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता अजय माकन व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करती भाजपा नेता सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, डॉ. हर्षवर्धन, विजय गोयल व मीनाक्षी लेखी।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन मालवीय नगर क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी प्रो. किरण वालिया के समर्थन में प्रचार करती सीएम शीला दीक्षित व पॉप गायक दलेर मेंहदी

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन मध्य जिला चुनाव कार्यालय द्वारा नुक्कड़ नाटक व रैली का आयोजन किया गया। रैली में भाग लेते लोग।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन मध्य जिला चुनाव कार्यालय द्वारा नुक्कड़ नाटक व रैली का आयोजन किया गया। रैली में भाग लेते लोग।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन बीजेपी के सीएम उम्मीदवार डॉ. हर्षवर्धन के समर्थन में प्रचार करते भाजपा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रचार करते बीजेपी के सीएम उम्मीदवार डॉ. हर्षवर्धन।

राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार कार्यक्रम के अंतिम दिन कांग्रेस के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा।

राजधानी दिल्ली में रविवार रात अकाली दल की एक चुनावी रैली को संबोधित करते पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल।

राजधानी दिल्ली के करावल नगर में रविवार को कांग्रेसी उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारक और सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन।

राजधानी दिल्ली के किराड़ी में रविवार को आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

इंडिया गेट पर रविवार को आयोजित ‘वॉयस ऑफ वोट कंसर्ट’ के दौरान लोगों को मतदान के लिए जागरुक करता निर्वाचन आयोग का मैस्कॉट ‘मि. वोटो’।

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राजधानी दिल्ली के त्रीनगर से भाजपा उम्मीदवार नंनदकिशोर गर्ग के समर्थन में रविवार को आयोजित रैली के दौरान भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के चुनाव प्रभारी नीतिन गडकरी।

राजधानी दिल्ली के हरी नगर क्षेत्र से शिरोमणी अकाली दल एवं भाजपा के संयुक्त उम्मीदवार श्याम शर्मा के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करती दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज।

जनकपुरी से भाजपा उम्मीदवार प्रो. जगदीश मुखी को आज उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिए उनके आवस पर तांता लगा रहा। इस मौके पर प्रो. मुखी ने अपने शुभचिंतकों का शुक्रिया करते हुए समर्थन और प्यार देते रहने के लिए धन्यवाद दिया। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का आवाहन किया।

राजधानी दिल्ली के वेस्ट सागर पुर में रविवार को द्वारका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एडवोकेट तस्वीर सोलंकी के समर्थन में आयोजित सभा को संबोधित करते कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव शकील अहमद।
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने रविवार को राजधानी दिल्ली के तीन विभिन्न इलाकों में पदयात्रा और सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया।

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने रविवार को राजधानी दिल्ली के तीन विभिन्न इलाकों में पदयात्रा और सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया।