मुंबई और दिल्ली दुनिया के पांच सबसे सस्ते शहरों में
नई दिल्ली। पसीने छुड़ाती महंगाई के बीच यह खबर थोड़ी राहत पहुंचा सकती है। यकीन करें न करें, लेकिन कमरतोड़ महंगाई के बाद भी मुंबई और नई दिल्ली दुनिया के पांच सबसे सस्ते शहरों में शुमार हैं। अंतरराष्ट्रीय रिसर्च फर्म इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने अपने सालाना सर्वे 'वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग' में यह दावा किया है।
सर्वे में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को रहने के लिहाज से तीसरा सबसे सस्ता स्थान बताया गया है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को पांचवां। भारतीय शहरों का दुनिया के पांच सबसे सस्ते शहरों में शामिल होना वाकई चौंकाता है। वजह यह है कि महंगाई सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है और इस पर अंकुश लगाने के उसके हर प्रयास विफल साबित हो रहे हैं। गुरुवार को ही वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अर्थव्यवस्था पर महंगाई के दबाव को लेकर चिंता जताई थी। मई में भी मासिक महंगाई की दर 9.06 प्रतिशत रही है। इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट ने सर्वे में खाने-पीने से लेकर परिवहन एवं शौचालय तक पर होने वाले खर्च को आधार बनाया है। इसी पर दुनियाभर के 133 प्रमुख शहरों को रैंकिंग दी गई है। महंगे शहरों के लिहाज से सूची में मुंबई 131वें पायदान पर है। यानी उससे सस्ते सिर्फ दो ही शहर हैं। एक ट्यूनिशिया में ट्यूनिस और दूसरा पाकिस्तान का कराची शहर। पिछले साल की तरह नई दिल्ली इस बार भी 129वें पायदान पर काबिज है। ईरान में तेहरान को नई दिल्ली से सस्ता शहर पाया गया है।
सर्वे के मुताबिक जापान का टोक्यो दुनिया का सबसे महंगा स्थान है। जबकि नॉर्वे का ओस्लो दूसरा, ओसाका कोबे [जापान] तीसरा, पेरिस [फ्रांस] चौथा और ज्यूरिख [स्विटजरलैंड] पांचवा सबसे महंगा शहर है। इसके बाद सूची में सिडनी, मेलबर्न, फ्रैंकफर्ट, जेनेवा और सिंगापुर ने जगह बनाई है। ये क्रमश: छठे, सातवें, आठवें, नौवें और दसवें स्थान पर हैं। अंतिम दस में कराची, ट्यूनिस, मुंबई, तेहरान और दिल्ली के अलावा ढाका, अल्जीयर्स [अल्जीरिया], जेद्दा [सऊदी अरब], मनीला [फिलीपींस] और पनामा सिटी [पनामा] शामिल हैं।
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